प्र + लोक् + सन् धातुरूपे - लोकृँ भाषार्थः - चुरादिः - लृट् लकार
कर्तरि प्रयोग परस्मैपद
एकवचन
द्विवचन
अनेकवचन
प्रथम पुरुष
मध्यम पुरुष
उत्तम पुरुष
कर्तरि प्रयोग आत्मनेपद
एकवचन
द्विवचन
अनेकवचन
प्रथम पुरुष
मध्यम पुरुष
उत्तम पुरुष
कर्मणि प्रयोग आत्मनेपद
एकवचन
द्विवचन
अनेकवचन
प्रथम पुरुष
मध्यम पुरुष
उत्तम पुरुष
कर्तरि प्रयोग परस्मैपद
एक
द्वि
अनेक
प्रथम
प्रलुलोकयिषिष्यति
प्रलुलोकयिषिष्यतः
प्रलुलोकयिषिष्यन्ति
मध्यम
प्रलुलोकयिषिष्यसि
प्रलुलोकयिषिष्यथः
प्रलुलोकयिषिष्यथ
उत्तम
प्रलुलोकयिषिष्यामि
प्रलुलोकयिषिष्यावः
प्रलुलोकयिषिष्यामः
कर्तरि प्रयोग आत्मनेपद
एक
द्वि
अनेक
प्रथम
प्रलुलोकयिषिष्यते
प्रलुलोकयिषिष्येते
प्रलुलोकयिषिष्यन्ते
मध्यम
प्रलुलोकयिषिष्यसे
प्रलुलोकयिषिष्येथे
प्रलुलोकयिषिष्यध्वे
उत्तम
प्रलुलोकयिषिष्ये
प्रलुलोकयिषिष्यावहे
प्रलुलोकयिषिष्यामहे
कर्मणि प्रयोग आत्मनेपद
एक
द्वि
अनेक
प्रथम
प्रलुलोकयिषिष्यते
प्रलुलोकयिषिष्येते
प्रलुलोकयिषिष्यन्ते
मध्यम
प्रलुलोकयिषिष्यसे
प्रलुलोकयिषिष्येथे
प्रलुलोकयिषिष्यध्वे
उत्तम
प्रलुलोकयिषिष्ये
प्रलुलोकयिषिष्यावहे
प्रलुलोकयिषिष्यामहे
सनादि प्रत्यय
उपसर्ग