आङ् + द्वृ + णिच् धातुरूपे - द्वृ संवरणे वरणे - भ्वादिः - आशीर्लिङ लकार


 
 

कर्तरि प्रयोग परस्मैपद

 
एकवचन
द्विवचन
अनेकवचन
प्रथम पुरुष
मध्यम पुरुष
उत्तम पुरुष
 

कर्तरि प्रयोग आत्मनेपद

 
एकवचन
द्विवचन
अनेकवचन
प्रथम पुरुष
मध्यम पुरुष
उत्तम पुरुष
 

कर्मणि प्रयोग आत्मनेपद

 
एकवचन
द्विवचन
अनेकवचन
प्रथम पुरुष
मध्यम पुरुष
उत्तम पुरुष
 

कर्तरि प्रयोग परस्मैपद

 
एक
द्वि
अनेक
प्रथम
आद्वार्यात् / आद्वार्याद्
आद्वार्यास्ताम्
आद्वार्यासुः
मध्यम
आद्वार्याः
आद्वार्यास्तम्
आद्वार्यास्त
उत्तम
आद्वार्यासम्
आद्वार्यास्व
आद्वार्यास्म
 

कर्तरि प्रयोग आत्मनेपद

 
एक
द्वि
अनेक
प्रथम
आद्वारयिषीष्ट
आद्वारयिषीयास्ताम्
आद्वारयिषीरन्
मध्यम
आद्वारयिषीष्ठाः
आद्वारयिषीयास्थाम्
आद्वारयिषीढ्वम् / आद्वारयिषीध्वम्
उत्तम
आद्वारयिषीय
आद्वारयिषीवहि
आद्वारयिषीमहि
 

कर्मणि प्रयोग आत्मनेपद

 
एक
द्वि
अनेक
प्रथम
आद्वारिषीष्ट / आद्वारयिषीष्ट
आद्वारिषीयास्ताम् / आद्वारयिषीयास्ताम्
आद्वारिषीरन् / आद्वारयिषीरन्
मध्यम
आद्वारिषीष्ठाः / आद्वारयिषीष्ठाः
आद्वारिषीयास्थाम् / आद्वारयिषीयास्थाम्
आद्वारिषीढ्वम् / आद्वारिषीध्वम् / आद्वारयिषीढ्वम् / आद्वारयिषीध्वम्
उत्तम
आद्वारिषीय / आद्वारयिषीय
आद्वारिषीवहि / आद्वारयिषीवहि
आद्वारिषीमहि / आद्वारयिषीमहि
 


सनादि प्रत्यय

उपसर्ग