कृदन्त - अनु + श्लथ् + यङ्लुक् + सन् + णिच् - श्लथँ हिंसार्थः - भ्वादिः - सेट्


 
कृत प्रत्यय
कृदन्त
ल्युट्
अनुशाश्लथिषिषणम्
अनीयर्
अनुशाश्लथिषिषणीयः - अनुशाश्लथिषिषणीया
ण्वुल्
अनुशाश्लथिषिषकः - अनुशाश्लथिषिषिका
तुमुँन्
अनुशाश्लथिषिषयितुम्
तव्य
अनुशाश्लथिषिषयितव्यः - अनुशाश्लथिषिषयितव्या
तृच्
अनुशाश्लथिषिषयिता - अनुशाश्लथिषिषयित्री
ल्यप्
अनुशाश्लथिषिषय्य
क्तवतुँ
अनुशाश्लथिषिषितवान् - अनुशाश्लथिषिषितवती
क्त
अनुशाश्लथिषिषितः - अनुशाश्लथिषिषिता
शतृँ
अनुशाश्लथिषिषयन् - अनुशाश्लथिषिषयन्ती
शानच्
अनुशाश्लथिषिषयमाणः - अनुशाश्लथिषिषयमाणा
यत्
अनुशाश्लथिषिष्यः - अनुशाश्लथिषिष्या
अच्
अनुशाश्लथिषिषः - अनुशाश्लथिषिषा
घञ्
अनुशाश्लथिषिषः
अनुशाश्लथिषिषा


सनादि प्रत्यय

उपसर्ग