संस्कृत अभ्यास
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अभ्यास
नाम
क्रियापद
कृदन्त
तद्धितान्त
सर्वनाम
संख्या
संधि
स्वर युक्त व्यंजन
देवनागरी
ब्राह्मी
ग्रन्थ
मिथिलाक्षर
शारदा
सिद्धम
संयुक्त व्यंजन
देवनागरी
ब्राह्मी
ग्रन्थ
मिथिलाक्षर
शारदा
सिद्धम
कृदन्त - सम् + मृज् + यङ्लुक् + सन् + णिच् + यत् - मृजूँ मृजूँश् शुद्धौ - अदादिः - वेट्
प्रातिपदिक
प्रथमा एकवचन
सम्मरीमार्जिष्य (पुं)
सम्मरीमार्जिष्यः
संमरीमार्जिष्य (पुं)
संमरीमार्जिष्यः
सम्मरिमार्जिष्य (पुं)
सम्मरिमार्जिष्यः
संमरिमार्जिष्य (पुं)
संमरिमार्जिष्यः
सम्मर्मार्जिष्य (पुं)
सम्मर्मार्जिष्यः
संमर्मार्जिष्य (पुं)
संमर्मार्जिष्यः
सम्मरीमार्जिष्या (स्त्री)
सम्मरीमार्जिष्या
संमरीमार्जिष्या (स्त्री)
संमरीमार्जिष्या
सम्मरिमार्जिष्या (स्त्री)
सम्मरिमार्जिष्या
संमरिमार्जिष्या (स्त्री)
संमरिमार्जिष्या
सम्मर्मार्जिष्या (स्त्री)
सम्मर्मार्जिष्या
संमर्मार्जिष्या (स्त्री)
संमर्मार्जिष्या
सम्मरीमार्जिष्य (नपुं)
सम्मरीमार्जिष्यम्
संमरीमार्जिष्य (नपुं)
संमरीमार्जिष्यम्
सम्मरिमार्जिष्य (नपुं)
सम्मरिमार्जिष्यम्
संमरिमार्जिष्य (नपुं)
संमरिमार्जिष्यम्
सम्मर्मार्जिष्य (नपुं)
सम्मर्मार्जिष्यम्
संमर्मार्जिष्य (नपुं)
संमर्मार्जिष्यम्
सम् + मृज् + यङ्लुक् + सन् + णिच्
अभ्यास