परा + श्रु + यङ् + सन् ধাতু রূপ - আশীর্লিঙ্ লকার
श्रु श्रवणे - भ्वादिः
কর্তরি প্রয়োগ আত্মনে পদ
একক
দ্বিবচন
বহুবচন
প্রথম পুরুষ
মধ্যম পুরুষ
উত্তম পুরুষ
কর্মণি প্রয়োগ আত্মনে পদ
একক
দ্বিবচন
বহুবচন
প্রথম পুরুষ
মধ্যম পুরুষ
উত্তম পুরুষ
কর্তরি প্রয়োগ আত্মনে পদ
এক
দ্বিবচন
বহু.
প্রথম
पराशोश्रूयेषिषीष्ट
पराशोश्रूयेषिषीयास्ताम्
पराशोश्रूयेषिषीरन्
মধ্যম
पराशोश्रूयेषिषीष्ठाः
पराशोश्रूयेषिषीयास्थाम्
पराशोश्रूयेषिषीध्वम्
উত্তম
पराशोश्रूयेषिषीय
पराशोश्रूयेषिषीवहि
पराशोश्रूयेषिषीमहि
কর্মণি প্রয়োগ আত্মনে পদ
এক
দ্বিবচন
বহু.
প্রথম
पराशोश्रूयेषिषीष्ट
पराशोश्रूयेषिषीयास्ताम्
पराशोश्रूयेषिषीरन्
মধ্যম
पराशोश्रूयेषिषीष्ठाः
पराशोश्रूयेषिषीयास्थाम्
पराशोश्रूयेषिषीध्वम्
উত্তম
पराशोश्रूयेषिषीय
पराशोश्रूयेषिषीवहि
पराशोश्रूयेषिषीमहि
সনাদি প্রত্যয়
णिच्
सन्
यङ्
यङ्लुक्
णिच् + सन्
यङ् + सन्
यङ्लुक् + सन्
सन् + णिच्
यङ् + णिच्
यङ्लुक् + णिच्
णिच् + सन् + णिच्
यङ् + सन् + णिच्
यङ्लुक् + सन् + णिच्
यङ् + णिच् + सन्
यङ्लुक् + णिच् + सन्
यङ् + णिच् + सन् + णिच्
यङ्लुक् + णिच् + सन् + णिच्
উপসর্গ