परा + श्रि + यङ् + सन् ধাতু রূপ - লঙ্ লকার
श्रिञ् सेवायाम् - भ्वादिः
কর্তরি প্রয়োগ আত্মনে পদ
একক
দ্বিবচন
বহুবচন
প্রথম পুরুষ
মধ্যম পুরুষ
উত্তম পুরুষ
কর্মণি প্রয়োগ আত্মনে পদ
একক
দ্বিবচন
বহুবচন
প্রথম পুরুষ
মধ্যম পুরুষ
উত্তম পুরুষ
কর্তরি প্রয়োগ আত্মনে পদ
এক
দ্বিবচন
বহু.
প্রথম
पराशेश्रीयेषत
पराशेश्रीयेषेताम्
पराशेश्रीयेषन्त
মধ্যম
पराशेश्रीयेषथाः
पराशेश्रीयेषेथाम्
पराशेश्रीयेषध्वम्
উত্তম
पराशेश्रीयेषे
पराशेश्रीयेषावहि
पराशेश्रीयेषामहि
কর্মণি প্রয়োগ আত্মনে পদ
এক
দ্বিবচন
বহু.
প্রথম
पराशेश्रीयेष्यत
पराशेश्रीयेष्येताम्
पराशेश्रीयेष्यन्त
মধ্যম
पराशेश्रीयेष्यथाः
पराशेश्रीयेष्येथाम्
पराशेश्रीयेष्यध्वम्
উত্তম
पराशेश्रीयेष्ये
पराशेश्रीयेष्यावहि
पराशेश्रीयेष्यामहि
সনাদি প্রত্যয়
णिच्
सन्
यङ्
यङ्लुक्
णिच् + सन्
यङ् + सन्
यङ्लुक् + सन्
सन् + णिच्
यङ् + णिच्
यङ्लुक् + णिच्
णिच् + सन् + णिच्
यङ् + सन् + णिच्
यङ्लुक् + सन् + णिच्
यङ् + णिच् + सन्
यङ्लुक् + णिच् + सन्
यङ् + णिच् + सन् + णिच्
यङ्लुक् + णिच् + सन् + णिच्
উপসর্গ
अति + प्र
अधि + वि
अप + आङ्
अभि + उत्
अभि + नि
उप + आङ्
उप + नि
प्रति + उत्
वि + अप
वि + अप + आङ्
वि + आङ्
सम् + उत्
सम् + परि