कृष् + यङ्लुक् ధాతు రూపాలు - కర్తరి ప్రయోగం లృఙ్ లకార పరస్మై పద
कृषँ विलेखने - भ्वादिः
ఏకవచనం
ద్వివచనం
బహువచనం
ప్రథమ పురుష
మధ్యమ పురుష
ఉత్తమ పురుష
ఏక.
ద్వి.
బహు.
ప్రథమ
अचरीकर्षिष्यत् / अचरीकर्षिष्यद् / अचरिकर्षिष्यत् / अचरिकर्षिष्यद् / अचर्कर्षिष्यत् / अचर्कर्षिष्यद्
अचरीकर्षिष्यताम् / अचरिकर्षिष्यताम् / अचर्कर्षिष्यताम्
अचरीकर्षिष्यन् / अचरिकर्षिष्यन् / अचर्कर्षिष्यन्
మధ్యమ
अचरीकर्षिष्यः / अचरिकर्षिष्यः / अचर्कर्षिष्यः
अचरीकर्षिष्यतम् / अचरिकर्षिष्यतम् / अचर्कर्षिष्यतम्
अचरीकर्षिष्यत / अचरिकर्षिष्यत / अचर्कर्षिष्यत
ఉత్తమ
अचरीकर्षिष्यम् / अचरिकर्षिष्यम् / अचर्कर्षिष्यम्
अचरीकर्षिष्याव / अचरिकर्षिष्याव / अचर्कर्षिष्याव
अचरीकर्षिष्याम / अचरिकर्षिष्याम / अचर्कर्षिष्याम