आङ् + मृज् ধাতু রূপ - লুঙ্ লকার
मृजूँ मृजूँश् शुद्धौ - अदादिः
কর্তরি প্রয়োগ পরস্মৈ পদ
একক
দ্বিবচন
বহুবচন
প্রথম পুরুষ
মধ্যম পুরুষ
উত্তম পুরুষ
কর্মণি প্রয়োগ আত্মনে পদ
একক
দ্বিবচন
বহুবচন
প্রথম পুরুষ
মধ্যম পুরুষ
উত্তম পুরুষ
কর্তরি প্রয়োগ পরস্মৈ পদ
এক
দ্বিবচন
বহু.
প্রথম
आमार्जीत् / आमार्जीद् / आमार्क्षीत् / आमार्क्षीद्
आमार्जिष्टाम् / आमार्ष्टाम्
आमार्जिषुः / आमार्क्षुः
মধ্যম
आमार्जीः / आमार्क्षीः
आमार्जिष्टम् / आमार्ष्टम्
आमार्जिष्ट / आमार्ष्ट
উত্তম
आमार्जिषम् / आमार्क्षम्
आमार्जिष्व / आमार्क्ष्व
आमार्जिष्म / आमार्क्ष्म
কর্মণি প্রয়োগ আত্মনে পদ
এক
দ্বিবচন
বহু.
প্রথম
आमार्जि
आमार्जिषाताम् / आमृक्षाताम्
आमार्जिषत / आमृक्षत
মধ্যম
आमार्जिष्ठाः / आमृष्ठाः
आमार्जिषाथाम् / आमृक्षाथाम्
आमार्जिढ्वम् / आमृड्ढ्वम्
উত্তম
आमार्जिषि / आमृक्षि
आमार्जिष्वहि / आमृक्ष्वहि
आमार्जिष्महि / आमृक्ष्महि
সনাদি প্রত্যয়
णिच्
सन्
यङ्
यङ्लुक्
णिच् + सन्
यङ् + सन्
यङ्लुक् + सन्
सन् + णिच्
यङ् + णिच्
यङ्लुक् + णिच्
णिच् + सन् + णिच्
यङ् + सन् + णिच्
यङ्लुक् + सन् + णिच्
यङ् + णिच् + सन्
यङ्लुक् + णिच् + सन्
यङ् + णिच् + सन् + णिच्
यङ्लुक् + णिच् + सन् + णिच्
উপসর্গ