दुर् + मृज् + यङ्लुक् + सन् + णिच् ધાતુ રૂપ - કર્મણિ પ્રયોગ લોટ્ લકાર આત્મને પદ

मृजूँ मृजूँश् शुद्धौ - अदादिः

 
 
એકવચન
દ્વિ વચન
બહુવચન
પ્રથમ પુરુષ
મધ્યમ પુરુષ
ઉત્તમ પુરુષ
 
એક.
દ્વિ
બહુ.
પ્રથમ
दुर्मरीमार्जिष्यताम् / दुर्मरिमार्जिष्यताम् / दुर्मर्मार्जिष्यताम्
दुर्मरीमार्जिष्येताम् / दुर्मरिमार्जिष्येताम् / दुर्मर्मार्जिष्येताम्
दुर्मरीमार्जिष्यन्ताम् / दुर्मरिमार्जिष्यन्ताम् / दुर्मर्मार्जिष्यन्ताम्
મધ્યમ
दुर्मरीमार्जिष्यस्व / दुर्मरिमार्जिष्यस्व / दुर्मर्मार्जिष्यस्व
दुर्मरीमार्जिष्येथाम् / दुर्मरिमार्जिष्येथाम् / दुर्मर्मार्जिष्येथाम्
दुर्मरीमार्जिष्यध्वम् / दुर्मरिमार्जिष्यध्वम् / दुर्मर्मार्जिष्यध्वम्
ઉત્તમ
दुर्मरीमार्जिष्यै / दुर्मरिमार्जिष्यै / दुर्मर्मार्जिष्यै
दुर्मरीमार्जिष्यावहै / दुर्मरिमार्जिष्यावहै / दुर्मर्मार्जिष्यावहै
दुर्मरीमार्जिष्यामहै / दुर्मरिमार्जिष्यामहै / दुर्मर्मार्जिष्यामहै