Verbal Derivatives - List of Verb Roots


 
मि - डुमिञ् प्रक्षेपने  चि  स्तृ - स्तृञ् आच्छादने  कृ - कृञ् हिंसायाम्  वृ  धु  धू - धूञ् कम्पने इत्येके  दु  हि - हि गतौ वृद्धौ च  पृ - पृ प्रीतौ  स्पृ - स्पृ प्रीतिपालनयोः प्रीतिचलनयोरित्यन्ये  स्मृ - स्मृ प्रीतिपालनयोः प्रीतिचलनयोरित्यन्ये इत्येके  आप्  शक्  राध् - राधँ संसिद्धौ  साध्  अश् - अशूँ व्याप्तौ सङ्घाते च  स्तिघ् - ष्टिघँ आस्कन्दने  तिक् - तिकँ आस्कन्दने गतौ च  तिग् - तिगँ आस्कन्दने गतौ च  सघ् - षघँ हिंसायाम्  धृष् - ञिधृषाँ प्रागल्भ्ये  दम्भ् - दम्भुँ दम्भने दम्भे  ऋध् - ऋधुँ वृद्धौ  तृप् - तृपँ प्रीणन इत्येके  अह् - अहँ व्याप्तौ  दघ् - दघँ घातने पालने च  चम् - चमुँ भक्षणे न मित् १९५१  रि - रि ऋऽ हिंसायाम्  क्षि - क्षि क्षीऽ हिंसायाम् क्षिर्भाषायामित्येके  चिरि - चिरि हिंसायाम्  जिरि - जिरि हिंसायाम्  दाश् - दाशँ हिंसायाम्  दृ - दृ हिंसायाम् 
 
तुद्  नुद् - णुदँ प्रेरणे ६ २  दिश्  भ्रस्ज् - भ्रस्जँ पाके  क्षिप्  कृष् - कृषँ विलेखने  ऋष् - ऋषीँ गतौ  जुष् - जुषीँ प्रीतिसेवनयोः  विज् - ओँविजीँ भयचलनयोः  लज् - ओँलजीँ व्रीडायाम् व्रीडे  लस्ज् - ओँलस्जीँ व्रीडायाम् व्रीडे  व्रश्च्  व्यच् - व्यचँ व्याजीकरणे  उञ्छ् - उछिँ उञ्छे  उच्छ् - उछीँ विवासे  ऋच्छ् - ऋछँ गतीन्द्रियप्रलयमूर्तिभावेषु  मिच्छ् - मिछँ उत्क्लेशे  जर्ज् - जर्जँ परिभाषणभर्त्सनयोः  चर्च् - चर्चँ परिभाषणभर्त्सनयोः  झर्झ् - झर्झँ परिभाषणभर्त्सनयोः  त्वच् - त्वचँ संवरणे  ऋच् - ऋचँ स्तुतौ  उब्ज् - उब्जँ आर्जवे  उज्झ् - उज्झँ उत्सर्गे  लुभ् - लुभँ विमोहने  रिफ् - रिफँ कत्थनयुद्धनिन्दाहिंसादानेषु  रिह् - रिहँ कत्थनयुद्धनिन्दाहिंसादानेषु इत्येके  तृप् - तृपँ तृप्तौ  तृम्प् - तृम्पँ तृप्तौ  तृफ् - तृफँ तृप्तौ इत्येके  तृम्फ् - तृम्फँ तृप्तौ इत्येके  तुप् - तुपँ हिंसायाम्  तुम्प् - तुम्पँ हिंसायाम्  तुफ् - तुफँ हिंसायाम्  तुम्फ् - तुम्फँ हिंसायाम्  दृप् - दृपँ उत्क्लेशे  दृम्प् - दृम्पँ उत्क्लेशे  दृफ् - दृफँ उत्क्लेशे इत्येके  दृम्फ् - दृम्फँ उत्क्लेशे इत्येके  ऋफ् - ऋफँ हिंसायाम्  ऋम्फ् - ऋम्फँ हिंसायाम्  गुफ् - गुफँ ग्रन्थे  गुम्फ्  उभ् - उभँ पूरणे  उम्भ् - उम्भँ पूरणे  शुभ् - शुभँ शोभार्थे  शुम्भ् - शुम्भँ शोभार्थे  दृभ् - दृभीँ ग्रन्थे  चृत् - चृतीँ हिंसाग्रन्थनयोः  विध् - विधँ विधाने  जुड् - जुडँ गतौ  जुन् - जुनँ गतौ इत्येके  मृड् - मृडँ सुखने  पृड् - पृडँ सुखने च  पृण् - पृणँ प्रीणने  वृण् - वृणँ च प्रीणने  मृण् - मृणँ हिंसायाम्  तुण् - तुणँ कौटिल्ये  पुण् - पुणँ कर्मणि शुभे  मुण् - मुणँ प्रतिज्ञाने  कुण् - कुणँ शब्दोपकरणयोः शब्दोपतापयोः  शुन् - शुनँ गतौ  द्रुण् - द्रुणँ हिंसागतिकौटिल्येषु  घुण् - घुणँ भ्रमणे  घूर्ण् - घूर्णँ भ्रमणे  सुर् - षुरँ ऐश्वर्यदीप्त्योः  कुर् - कुरँ शब्दे  खुर् - खुरँ छेदने  मुर् - मुरँ संवेष्टने सञ्चेष्टने  क्षुर् - क्षुरँ विलेखने  घुर् - घुरँ भीमार्थशब्दयोः  पुर् - पुरँ अग्रगमने  वृह् - वृहूँ उद्यमने  बृह् - बृहूँ उद्यमने इत्येके  तृह् - तृहूँ हिंसार्थः  स्तृह् - स्तृहूँ हिंसार्थः  तृंह् - तृंहूँ हिंसार्थाः  इष्  मिष् - मिषँ स्पर्धायाम्  किल् - किलँ श्वैत्यक्रीडनयोः श्वैत्ये  तिल् - तिलँ स्नेहने स्नेहे  चिल् - चिलँ वसने  चल् - चलँ विलसने  इल् - इलँ स्वप्नक्षेपनयोः  विल् - विलँ संवरणे  बिल् - बिलँ भेदने  निल् - णिलँ गहने  हिल् - हिलँ भावकरणे  शिल् - शिलँ उञ्छे  सिल् - षिलँ उञ्छे  मिल् - मिलँ श्लेषणे  लिख्  कुट् - कुटँ कौटिल्ये  पुट् - पुटँ संश्लेषणे  कुच् - कुचँ सङ्कोचने  गुज् - गुजँ शब्दे  गुड् - गुडँ रक्षायाम्  डिप् - डिपँ क्षेपे  छुर् - छुरँ छेदने  स्फुट्  मुट् - मुटँ आक्षेपप्रमर्दनयोः  त्रुट् - त्रुटँ छेदने  तुट् - तुटँ कलहकर्मणि  चुट् - चुटँ छेदने  छुट् - छुटँ छेदने  जुड् - जुडँ बन्धने  जुट् - जुटँ बन्धने इत्येके  कड् - कडँ मदे  लुट् - लुटँ संश्लेषणे  लुठ् - लुठँ संश्लेषणे इत्येके  लुड् - लुडँ संश्लेषणे इत्यन्ये  कृड् - कृडँ घनत्वे  कुड् - कुडँ बाल्ये  पुड् - पुडँ उत्सर्गे  घुट् - घुटँ प्रतिघाते  तुड्  थुड् - थुडँ संवरणे  स्थुड् - स्थुडँ संवरणे  खुड् - खुडँ संवरणे इत्येके  छुड् - छुडँ संवरणे इत्येके  स्फुर्  स्फुल् - स्फुलँ सञ्चलने  स्फर् - स्फरँ सञ्चलने इत्यन्ये  स्फल् - स्फलँ सञ्चलने इत्यन्ये  स्फुड् - स्फुडँ संवरणे  चुड् - चुडँ संवरणे  व्रुड् - व्रुडँ संवरणे  क्रुड् - क्रुडँ निमज्जने इत्येके  भृड् - भृडँ निमज्जने इत्येके  हुड् - हुडँ सङ्घाते  गुर् - गुरीँ उद्यमने  नू - णू स्तुतौ  धू - धू विधूनने  गु - गु पुरीषोत्सर्गे  ध्रु - ध्रु गतिस्थैर्ययोः ध्रुव इत्येके  कु - कुङ् शब्दे  कू - कूङ् शब्दे इत्येके  पृ - पृङ् व्यायामे  मृ  रि - रि गतौ  पि - पि गतौ  धि - धि धारणे  क्षि - क्षि निवासगत्योः  सू - षू प्रेरणे  कॄ  गॄ  दृ - दृङ् आदरे  धृ - धृङ् अवस्थाने  प्रच्छ्  सृज्  मज्ज् - टुमस्जोँ शुद्धौ  रुज् - रुजोँ भङ्गे  भुज् - भुजोँ कौटिल्ये  छुप् - छुपँ स्पर्शे  रुश् - रुशँ हिंसायाम्  रिश् - रिशँ हिंसायाम्  लिश् - लिशँ गतौ  स्पृश्  विच्छ् - विछँ गतौ  विश्  मृश् - मृशँ आमर्शणे  नुद्  सद् - षदॢँ विशरणगत्यवसादनेषु  शद् - शदॢँ शातने  मिल्  मुच्