श्लोक् धातुरूपाणि - श्लोकृँ सङ्घाते - भ्वादिः - कर्मणि प्रयोगः लिट् लकारः आत्मने पदम्


 
 
एकवचनम्
द्विवचनम्
बहुवचनम्
प्रथम पुरुषः
मध्यम पुरुषः
उत्तम पुरुषः
 
एक
द्वि
बहु
प्रथम
शुश्लोके
शुश्लोकाते
शुश्लोकिरे
मध्यम
शुश्लोकिषे
शुश्लोकाथे
शुश्लोकिध्वे
उत्तम
शुश्लोके
शुश्लोकिवहे
शुश्लोकिमहे