कृदन्तरूपाणि - श्लोक् + णिच्+सन् - श्लोकृँ सङ्घाते - भ्वादिः - सेट्
कृत् प्रत्ययाः
कृदन्तरूपाणि
अनीयर्
शुश्लोकयिषणीयः - शुश्लोकयिषणीया
ण्वुल्
शुश्लोकयिषकः - शुश्लोकयिषिका
तव्य
शुश्लोकयिषितव्यः - शुश्लोकयिषितव्या
तृच्
शुश्लोकयिषिता - शुश्लोकयिषित्री
क्तवतुँ
शुश्लोकयिषितवान् - शुश्लोकयिषितवती
क्त
शुश्लोकयिषितः - शुश्लोकयिषिता
शतृँ
शुश्लोकयिषन् - शुश्लोकयिषन्ती
शानच्
शुश्लोकयिषमाणः - शुश्लोकयिषमाणा
यत्
शुश्लोकयिष्यः - शुश्लोकयिष्या
अच्
शुश्लोकयिषः - शुश्लोकयिषा