कृदन्तरूपाणि - परि + टिक् + णिच्+सन् - टिकृँ गत्यर्थः - भ्वादिः - सेट्


कृत् प्रत्ययाः
कृदन्तरूपाणि
ल्युट्
परिटिटेकयिषणम्
अनीयर्
परिटिटेकयिषणीयः - परिटिटेकयिषणीया
ण्वुल्
परिटिटेकयिषकः - परिटिटेकयिषिका
तुमुँन्
परिटिटेकयिषितुम्
तव्य
परिटिटेकयिषितव्यः - परिटिटेकयिषितव्या
तृच्
परिटिटेकयिषिता - परिटिटेकयिषित्री
ल्यप्
परिटिटेकयिष्य
क्तवतुँ
परिटिटेकयिषितवान् - परिटिटेकयिषितवती
क्त
परिटिटेकयिषितः - परिटिटेकयिषिता
शतृँ
परिटिटेकयिषन् - परिटिटेकयिषन्ती
शानच्
परिटिटेकयिषमाणः - परिटिटेकयिषमाणा
यत्
परिटिटेकयिष्यः - परिटिटेकयिष्या
अच्
परिटिटेकयिषः - परिटिटेकयिषा
घञ्
परिटिटेकयिषः
परिटिटेकयिषा


सनादि प्रत्ययाः

उपसर्गाः