कृदन्तरूपाणि - धातूनां सूचिः


 
प्लुष् - प्लुषुँ दाहे  पृष् - पृषुँ सेचने हिंसासङ्क्लेशनयोश्च  वृष्  मृष्  घृष्  हृष् - हृषुँ अलीके  तुस् - तुसँ शब्दे  ह्रस् - ह्रसँ शब्दे  ह्लस् - ह्लसँ शब्दे  रस् - रसँ शब्दे  लस् - लसँ शब्दे श्लेषणक्रीडनयोः च  घस् - घसॢँ अदने  जर्त्स् - जर्त्सँ परिभाषणहिंसातर्जनेषु  चर्च् - चर्चँ परिभाषणहिंसातर्जनेषु  झर्त्स् - झर्त्सँ परिभाषणहिंसातर्जनेषु  पिस् - पिसृँ गतौ  पेस् - पेसृँ गतौ  विस् - विसँ गतौ  वेस् - वेसँ गतौ  बिस् - बिसँ गतौ  बेस् - बेसँ गतौ  हस्  निश् - णिशँ समाधौ  मिश् - मिशँ शब्दे  मश् - मशँ शब्दे  शव् - शवँ गतौ  शश्  शस् - शसुँ हिंसायाम्  शंस्  चह् - चहँ परिकल्कने  मह् - महँ पूजायाम्  रह् - रहँ त्यागे  रंह् - रहिँ गतौ  दृह् - दृहँ वृद्धौ  दृंह्  बृह् - बृहँ वृद्धौ बृहिँर् वृहिँर् वृद्धौ शब्दे च इत्येके  बृंह्  तुह् - तुहिँर् अर्दने  दुह् - दुहिँर् अर्दने  उह् - उहिँर् अर्दने  अर्ह्  द्युत्  श्वित् - श्विताँ वर्णे  मिद्  स्विद् - ञिष्विदाँ स्नेहनमोचनयोः गात्रप्रस्रवणे स्नेहनमोहनयोरित्येके  क्ष्विद् - ञिक्ष्विदाँ स्नेहनमोचनयोः गात्रप्रस्रवणे स्नेहनमोहनयोरित्येके  रुच्  घुट् - घुटँ परिवर्तने  रुट् - रुटँ उपघाते प्रतिघाते  लुट् - लुटँ उपघाते प्रतिघाते  लुठ् - लुठँ उपघाते  उठ् - उठँ उपघाते इत्येके  शुभ् - शुभँ भाषने भासन इत्येके हिंसायामित्यन्ये  क्षुभ्  नभ् - णभँ हिंसायाम् अभावेऽपि  तुभ् - तुभँ हिंसायाम्  स्रंस् - स्रंसुँ अवस्रंसने  ध्वंस् - ध्वंसुँ अवस्रंसने ध्वंसुँ गतौ च  भ्रंस् - भ्रंसुँ अवस्रंसने  भ्रंश् - भ्रंशुँ अवस्रंसने इत्यपि केचित्  स्रम्भ् - स्रम्भुँ विश्वासे  वृत्  वृध्  शृध् - शृधुँ उन्दने  स्यन्द् - स्यन्दूँ प्रस्रवणे  कृप्  घट्  व्यथ्  प्रथ्  प्रस् - प्रसँ विस्तारे  म्रद् - म्रदँ मर्दने  स्खद् - स्खदँ स्खदने स्खदिर् अवपरिभ्यां च न मित् १९५४  क्षञ्ज् - क्षजिँ गतिदानयोः  दक्ष् - दक्षँ गतिहिंसनयोः गतिशासनयोः वृद्धौ शीघ्रार्थे च  कृप् - कृपँ क्रपँम् कपँम् कृपायां गतौ च  क्रप् - क्रपँ कृपायां गतौ च इत्येके  कप् - कपँ कृपायां गतौ च इत्यन्ये  कन्द् - कदिँ आह्वाने रोदने च  क्रन्द्  क्लन्द् - क्लदिँ आह्वाने रोदने च  कद् - कदँ वैक्लव्ये वैकल्य इत्येके इत्यन्ये  क्रद् - क्रदँ वैक्लव्ये वैकल्य इत्येके इत्यन्ये  क्लद् - क्लदँ वैक्लव्ये वैकल्य इत्येके इत्यन्ये  त्वर्  ज्वर्  गड् - गडँ सेचने  हेड् - हेडँ वेष्टने  वट् - वटँ परिभाषणे  भट् - भटँ परिभाषणे  नट् - णटँ नृत्तौ नतावित्येके गतावित्यन्ये  स्तक् - ष्टकँ प्रतिघाते प्रतीघाते  चक् - चकँ तृप्तौ प्रतिघाते च  कख् - कखेँ हसने  रग् - रगेँ शङ्कायाम्  लग् - लगेँ सङ्गे  ह्रग् - ह्रगेँ संवरणे  ह्लग् - ह्लगेँ संवरणे  सग् - षगेँ संवरणे  स्थग् - ष्ठगेँ संवरणे  कग् - कगेँ नोच्यते क्रियासामान्यार्थत्वात् अनेकार्थत्वादित्यन्ये  अक् - अकँ कुटिलायां गतौ  अग् - अगँ कुटिलायां गतौ  कण् - कणँ शब्दार्थः  रण् - रणँ शब्दार्थः मित् इति भोजः ०९३२  चण् - चणँ गतौ दाने च  शण् - शणँ गतौ दाने च शणँ गतावित्यन्ये  श्रण् - श्रणँ गतौ दाने च  श्रथ् - श्रथँ हिंसार्थः  श्नथ् - श्नथँ हिंसार्थः  श्लथ् - श्लथँ हिंसार्थः  क्नथ् - क्नथँ हिंसार्थः  क्रथ् - क्रथँ हिंसार्थः  क्लथ् - क्लथँ हिंसार्थाः  चन् - चनँ च हिंसार्थः  वन् - वनुँ च नोच्यते नोपलभ्यते  ज्वल् - ज्वलँ दीप्तौ १ ९१६  ह्वल् - ह्वलँ सञ्चलने चलने मित् अनुपसर्गाद्वा १९४२  ह्मल् - ह्मलँ सञ्चलने चलने मित् अनुपसर्गाद्वा १९४३  स्मृ - स्मृ आध्याने  दॄ - दॄ भये  नॄ - नॄ नये  श्रा - श्रा पाके  स्वन् - स्वनँ अवतंसने मित्  फण् - फणँ गतौ गतिदीप्त्योः  राज्  भ्राज् - भ्राजृँ दीप्तौ  भ्राश् - टुभ्राशृँ दीप्तौ  भ्लाश् - टुभ्लाशृँ दीप्तौ  स्यम् - स्यमुँ शब्दे  स्वन्  ध्वन्  सम् - षमँ अवैकल्ये वैकल्ये  स्तम् - ष्टमँ अवैकल्ये वैकल्ये  ज्वल् - ज्वलँ दीप्तौ १ ९६५  चल्  जल् - जलँ घातने  टल् - टलँ वैकल्ये  ट्वल् - ट्वलँ वैकल्ये  स्थल् - ष्ठलँ स्थाने  हल् - हलँ विलेखने  नल् - णलँ गन्धे बन्धन इत्येके  पल् - पलँ गतौ  बल् - बलँ प्राणने धान्यावरोधे च धान्यावरोधने च  पुल् - पुलँ महत्त्वे  कुल् - कुलँ संस्त्याने बन्धुषु च  शल् - शलँ गतौ  हुल् - हुलँ हिंसासंवरणयोश्च हिंसायां संवरणे च  पत्  हुल् - हुलँ गतौ  क्वथ्  पथ् - पथेँ गतौ  मथ् - मथेँ विलोडने  वम्  भ्रम्  क्षर् - क्षरँ सञ्चलने  क्षुर् - क्षुरँ सञ्चये  सह्  रम्  सद् - षदॢँ विशरणगत्यवसादनेषु  शद् - शदॢँ शातने  क्रुश्  कुच् - कुचँ सम्पर्चनकौटिल्यप्रतिष्टम्भविलेखनेषु  बुध् - बुधँ अवगमने  रुह्  कस् - कसँ गतौ  हिक्क्  अञ्च्  अच् - अचुँ गतौ याचने च इत्येके  अञ्च् - अचिँ गतौ याचने च इत्येपरे  याच्  रेट् - रेटृँ परिभाषणे  चत् - चतेँ परिभाषणे याचने च  चद् - चदेँ परिभाषणे याचने च  प्रोथ् - प्रोथृँ पर्याप्तौ  मिद् - मिदृँ मेधाहिंसनयोः  मेद् - मेदृँ मेधाहिंसनयोः  मिथ् - मिथृँ मेधाहिंसनयोः इत्येके  मेथ् - मेथृँ मेधाहिंसनयोः इत्येके  मिध् - मिधृँ मेधाहिंसनयोः इत्यन्ये  मेध् - मेधृँ मेधाहिंसनयोः इत्यन्ये मेधृँ सङ्गमे च  निद् - णिदृँ कुत्सासन्निकर्षयोः  नेद् - णेदृँ कुत्सासन्निकर्षयोः  शृध् - शृधुँ शब्दकुत्सायाम्  मृध् - मृधुँ उन्दने  बुध् - बुधिँर् बोधने  बुन्द् - उँबुन्दिँर् निशामने  वेण् - वेणृँ गतिज्ञानचिन्तानिशामनवादित्रग्रहणेषु  वेन् - वेनृँ गतिज्ञानचिन्तानिशामनवादित्रग्रहणेषु इत्येके  खन्  चीव् - चीवृँ आदानसंवरणयोः  चीब् - चीबृँ आदानसंवरणयोः इत्येके  चाय् - चायृँ पूजानिशामनयोः  व्यय् - व्ययँ गतौ  दाश् - दाशृँ दाने  भेष् - भेषृँ भये गतावित्येके  भ्रेष् - भ्रेषृँ गतौ  भ्लेष् - भ्लेषृँ गतौ  अस् - असँ गतिदीप्त्यादानेषु  अष् - अषँ गतिदीप्त्यादानेषु इत्येके  अय् - अयँ गतौ १ १०३१