तद्धितान्तरूपाणि - ठक् - प्रातिपदिकानां सूचिः

 

 
अर्थ  धर्म  आयुर्वेद  लाक्षण  इतिहास  निमित्त  ग्रीष्म  उपदेश  कुमुद  भूत  मृग  हेमन्त  लोकायत  द्वार  न्याय  न्यास  अक्ष  अक्षद्यूत  अग्निष्टोम  अग्रभोजन  अत्यय  अधर्म  अध्यात्म  अध्वर  अनुकल्प  अनुकूल  अनुगत  अनुगुण  अनुपद  अनुलोम  अन्वीप  अपूप  अयःशूल  अर्धवाहन  अश्वत्थ  अश्वलक्षण  आकर  आक्रन्द  आख्यात  आथर्वण  आपण  आयुर्देव  उक्थ  उडुप  उत्तरपद  उत्पन्न  उत्पुट  उत्पुत  उत्सङ्ग  उदर  उपकरण  उपचार  उपवेश  उपस्थ  उपस्थान  उपहस्त  कण  कण्टकमर्दन  कर्णग्राह  कर्दम  कर्म  कल्पसूत्र  कातव  कुकुदाक्ष  कुक्कुटाक्ष  कुण्डल  कुलिश  कूट  क्रमेतर  खल  गण  गतागत  गतानुगत  गुण  गुरुतल्प  गुल्म  गोमथ  गोलक्षण  घासकुन्द  चक्र  चतुष्पथ  चरम  चामरग्राह  जङ्घाप्रहत  जङ्घाप्रहृत  जनवाद  जनेवाद  जनोवाद  जानुप्रहृत  जाल  ज्योतिष  झर्झर  तार्णबिन्दव  तित्तिर  त्रिगुण  दण्ड  दण्डग्राह  दण्डमाथ  दर्दुर  दशग्राम  दिष्ट  द्रोण  द्विगुण  धनुर्दण्ड  धर्ममाथ  नगर  नाम  नामाख्यात  निकट  निरुक्त  निष्क  पण  पणव  पदक्रम  परदार  परश्वध  पराशरकल्प  परिपन्थ  परिमुख  पर्याप्त  पाद  पादस्वेदन  पायस  पिटक  पिटाक  पुनरुक्त  पुरश्चरण  पुराण  पूर्वपद  प्रतिकण्ठ  प्रतिकूल  प्रतिपथ  प्रतिलोम  प्रतीप  प्रथम  प्रभृत  प्रस्तार  प्रास  प्रेषण  बदर  ब्राह्मण  भक्त  भरुज  मड्डुक  मण्डर  मण्डल  मत्स्य  मधुकर्ण  मयूर  मरिच  मातृकल्प  माष  मीन  मुनिस्थल  मृदङ्ग  मोदक  यज्ञ  यवक्रीत  यातोपयात  रथकार  रुह  लक्ष  ललाट  ललाम  वंशकठिन  वर्ध्रकठिन  वर्ष  वसन्त  वाजपेय  वाह  वाहन  विद्यामाथ  विनय  विशेष  वृकग्राह  वेतन  वेश  व्यवहार  शकट  शकल  शकुन  शब्द  शरीर  शिरीष  शिशिर  शुचिकर्ण  शुल्कमाथ  श्मशान  श्यामक  श्लक्ष  श्लक्ष्ण  संग्रह  संग्रहसूत्र  संघट  संघट्ट  संनिवेश  संस्थान  समय  समयाचार  समवाय  समाचार  समाज  समाय  समुत्कर्ष  समूह  सम्प्रदान  सरङ्ग  सीर  सुख  सुखशयन  सुस्नात  सूकर  सूप  स्फिज  हरिण  हल