कृदन्तरूपाणि - धातूनां सूचिः


 
ऋञ्ज् - ऋजिँ भर्जने  भृज्  एज् - एजृँ दीप्तौ  भ्रेज् - भ्रेजृँ दीप्तौ  भ्राज्  रेज् - रेजृँ दीप्तौ  ईज् - ईजँ गतिकुत्सनयोः  ईञ्ज् - ईजिँ गतिकुत्सनयोः इत्येके  वीज् - वीजँ गतौ  शुच्  कुच् - कुचँ शब्दे तारे  कुञ्च् - कुञ्चँ कौटिल्याल्पीभावयोः  क्रुञ्च् - क्रुञ्चँ कौटिल्याल्पीभावयोः  लुञ्च् - लुञ्चँ अपनयने  अञ्च् - अञ्चुँ गतौ याचने च  वञ्च् - वञ्चुँ गत्यर्थः  चञ्च् - चञ्चुँ गत्यर्थः  तञ्च् - तञ्चुँ गत्यर्थः  त्वञ्च् - त्वञ्चुँ गत्यर्थः  म्रुञ्च् - म्रुञ्चुँ गत्यर्थः  म्लुञ्च् - म्लुञ्चुँ गत्यर्थः  म्रुच् - म्रुचुँ गत्यर्थः  म्लुच् - म्लुचुँ गत्यर्थाः  ग्रुच् - ग्रुचुँ स्तेयकरणे  ग्लुच् - ग्लुचुँ स्तेयकरणे  कुज् - कुजुँ स्तेयकरणे  खुज् - खुजुँ स्तेयकरणे  ग्लुञ्च् - ग्लुञ्चुँ गतौ  सस्ज् - षस्जँ गतौ  गुज् - गुजँ अव्यक्ते शब्दे  गुञ्ज्  अर्च्  म्लेच्छ् - म्लेछँ अव्यक्ते शब्दे  लच्छ् - लछँ लक्षणे  लाञ्छ् - लाछिँ लक्षणे  वाञ्छ्  आञ्छ् - आछिँ आयामे  ह्रीच्छ् - ह्रीछँ लज्जायाम्  हुर्छ् - हुर्छाँ कौटिल्ये  मुर्छ्  स्फुर्छ् - स्फुर्छाँ विस्तृतौ  युच्छ् - युछँ प्रमादे  उञ्छ् - उछिँ उञ्छे  उच्छ् - उछीँ विवासे  ध्रज् - ध्रजँ गतौ  ध्रञ्ज् - ध्रजिँ गतौ  व्रज् - व्रजँ गतौ १ २४७  व्रञ्ज् - व्रजिँ गतौ  धृज् - धृजँ गतौ  धृञ्ज् - धृजिँ गतौ  ध्वज् - ध्वजँ गतौ  ध्वञ्ज् - ध्वजिँ गतौ  ध्रिज् - ध्रिजँ गतौ च  कूज्  कुञ्ज् - कुजिँ अव्यक्ते शब्दे  अर्ज् - अर्जँ अर्जने  सर्ज् - षर्जँ अर्जने  गर्ज्  तर्ज् - तर्जँ भर्त्सने  कर्ज् - कर्जँ व्यथने  खर्ज् - खर्जँ व्यथने पूजने च  अज् - अजँ गतिक्षपनयोः  तेज् - तेजँ पालने  खज् - खजँ मन्थे  कज् - कजँ मदे इत्येके  खञ्ज् - खजिँ गतिवैकल्ये  एज् - एजृँ कम्पने  स्फूर्ज्  क्षि  क्षीज् - क्षीजँ अव्यक्ते शब्दे  लज् - लजँ भर्जने  लञ्ज् - लजिँ भर्जने  लाज् - लाजँ भर्जने भर्त्सने च  लाञ्ज् - लाजिँ भर्जने भर्त्सने च  जज् - जजँ युद्धे  जञ्ज् - जजिँ युद्धे  तुज् - तुजँ हिंसायाम्  तुञ्ज् - तुजिँ पालने  गज् - गजँ शब्दार्थः  गञ्ज् - गजिँ शब्दार्थः  गृज् - गृजँ शब्दार्थः गजँ मदने च  गृञ्ज् - गृजिँ शब्दार्थः  मुज् - मुजँ शब्दार्थः  मुञ्ज् - मुजिँ शब्दार्थाः  वज् - वजँ गतौ  व्रज्  अट्ट् - अट्टँ अतिक्रमणहिंसनयोः अतिक्रमहिंसयोः  वेष्ट् - वेष्टँ वेष्टने  चेष्ट्  गोष्ट् - गोष्टँ सङ्घाते  लोष्ट् - लोष्टँ सङ्घाते  घट्ट् - घट्टँ चलने  स्फुट् - स्फुटँ विकसने  अण्ठ् - अठिँ गतौ  वण्ठ् - वठिँ एकचर्यायाम्  मण्ठ् - मठिँ शोके  कण्ठ् - कठिँ शोके  मुण्ठ् - मुठिँ पालने  हेठ् - हेठँ विबाधायाम् १ २९९  एठ् - एठँ च विबाधायां  हिण्ड् - हिडिँ गत्यनादरयोः  हुण्ड् - हुडिँ वरणे हरण इत्येके  कुण्ड् - कुडिँ दाहे  वण्ड् - वडिँ विभाजने  मण्ड् - मडिँ च विभाजने  भण्ड् - भडिँ परिभाषणे  पिण्ड् - पिडिँ सङ्घाते  मुण्ड् - मुडिँ मार्जने  तुण्ड् - तुडिँ तोडने  हुण्ड् - हुडिँ सङ्घाते  स्फुण्ड् - स्फुडिँ विकसने  चण्ड् - चडिँ कोपे  शण्ड् - शडिँ रुजायां सङ्घाते च  तण्ड् - तडिँ ताडने  पण्ड् - पडिँ गतौ  कण्ड् - कडिँ मदे  खण्ड् - खडिँ मन्थे  हेड् - हेडृँ अनादरे  होड् - होडृँ अनादरे  बाड् - बाडृ आप्लाव्ये  वाड् - वाडृ आप्लाव्ये इत्येके  द्राड् - द्राडृँ विशरेणे  ध्राड् - ध्राडृँ विशरेणे  शाड् - शाडृँ श्लाघायाम्  शौट् - शौटृँ गर्वे  यौट् - यौटृँ बन्धे  म्रेट् - म्रेटृँ उन्मादे  म्रेड् - म्रेडृँ उन्मादे  म्लेट् - म्लेटृँ उन्मादे इत्येके  कट् - कटीँ गतौ  चट् - चटेँ वर्षावरणयोः इत्येके  अट् - अटँ गतौ  पट् - पटँ गतौ  रट् - रटँ परिभाषणे इत्येके  लट् - लटँ बाल्ये  शट् - शटँ रुजाविशरणगत्यवसादनेषु  वट् - वटँ वेष्टने  किट् - किटँ गतौ  खिट् - खिटँ त्रासे  शिट् - शिटँ अनादरे  सिट् - षिटँ अनादरे  जट् - जटँ सङ्घाते  झट् - झटँ सङ्घाते  भट् - भटँ भृतौ  तट् - तटँ उच्छ्राये  खट् - खटँ काङ्क्षायाम्  नट् - णटँ नृतौ  पिट् - पिटँ शब्दसङ्घातयोः  हट् - हटँ शब्दसङ्घातयोः दीप्तौ च  सट् - षटँ अवयवे  लुट् - लुटँ विलोडने  लुड् - लुडँ विलोडने इत्येके  चिट् - चिटँ परप्रैष्ये परप्रेष्ये  विट् - विटँ शब्दे  बिट् - बिटँ आक्रोशे  हिट् - हिटँ आक्रोशे इत्येके  इट् - इटँ गतौ  किट् - किटँ त्रासे  कट् - कटेँ वर्षावरणयोः  हेठ् - हेठँ विबाधायाम् १ ३६०  मण्ड् - मडिँ भूषायाम्  कुण्ड् - कुडिँ वैकल्ये  कुण्ट् - कुटिँ वैकल्ये इत्येके  मुड् - मुडँ मुटँऽ मर्दने प्रमर्दने  पुड् - पुडँ पुटँ मर्दने प्रमर्दने  मुट् - मुटँ मर्दने प्रमर्दने इत्येके  पुट् - पुटँ मर्दने प्रमर्दने इत्येके  चुण्ड् - चुडिँ अल्पीभावे  मुण्ड् - मुडिँ खण्डने  पुण्ड् - पुडिँ खण्डने चेत्येके  रुण्ट् - रुटिँ स्तेये  लुण्ट् - लुटिँ स्तेये  रुण्ठ् - रुठिँ गतौ  लुण्ठ् - लुठिँ स्तेये इत्येके  रुण्ड् - रुडिँ स्तेये इत्यपरे  लुण्ड् - लुडिँ स्तेये इत्यपरे  वण्ट् - वटिँ विभाजने  बण्ट् - बटिँ विभाजने इत्येके  स्फुट् - स्फुटिँर् विशरणे  स्फुण्ट् - स्फुटिँ विशरणे इत्यपि केचित्  पठ्  वठ् - वठँ स्थौल्ये  बठ् - बठँ स्थौल्ये इत्येके  मठ् - मठँ मदनिवासयोः  कठ् - कठँ कृच्छ्रजीवने  रठ् - रठँ परिभाषणे  रट्  हठ् - हठँ प्लुतिशठत्वयोः बलात्कार इत्यन्ये  रुठ् - रुठँ उपघाते  लुठ् - लुठँ उपघाते प्रतिघाते  ऊठ् - ऊठँ उपघाते  उठ् - उठँ उपघाते प्रतिघाते  पिठ् - पिठँ हिंसासङ्क्लेशनयोः  शठ् - शठँ हिंसासङ्क्लेशनयोः कैतवे च  शुठ् - शुठँ गतिप्रतिघाते प्रतिघाते  शुण्ठ् - शुठिँ गतिप्रतिघाते प्रतिघाते इत्येके  कुण्ठ् - कुठिँ च गतिप्रतिघाते प्रतिघाते इत्येके  लुण्ठ् - लुठिँ आलस्ये प्रतिघाते च  शुण्ठ् - शुठिँ शोषणे  रुण्ठ् - रुठिँ स्तेये इत्येके